इस वर्ष हनुमान जयंती 4 अप्रैल के दिन है। इस दिन खग्रास चंद्रग्रहण होगा। इस ग्रहण का प्रभाव भारत सहित दूसरे देशों में भी रहेगा। इस दिन ग्रहण के दौरान हनुमान जी पूजा की अर्चना नहीं होगी। इस तरह पूजा के लिए शुभ मुहूर्त ब्रह्ममुहूर्त और शाम के समय है। दोपहर के समय ग्रहण के चलते पूजा नहीं होगी।
शास्त्रों में मान्यता है कि ग्रहण और सूतक काल में किसी भी देवी-देवता की पूजा-अर्चना नहीं की जाती। इस दिन सूतक काल का प्रभाव ग्रहण के 9 घंटे पूर्व (सुबह 6.45 बजे) से शुरू हो जाएगा।
ऐसे में हनुमान जी की आराधना ब्रह्म मुहूर्त में होगी और पट बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भजन-कीर्तन, प्रवचन आदि धार्मिक कार्य चलते रहेंगे। शाम को 7.15 बजे ग्रहण मोक्ष के बाद शुद्घिकरण के बाद मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हनुमान जयंती का पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिणा के दिन मनाया जाता है। इस बार यह पूर्णिमा तारीख 4 अप्रैल दिन शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन भारतीय समय अनुसार दोपहर 3.45 से 7.15 बजे तक खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। इसके प्रभाव से भारत में इस दिन का चंद्रमा ग्रसता हुआ उदित होगा।
ज्योतिषमठ संस्थान के संचालक पं विनोद गौतम के अनुसार यह चंद्रग्रहण38 मिनट तक देखा जा सकेगा, जो शाम 6.37 बजे से शुरू होकर 7.15 तक देखा जा सकेगा। इस ग्रहण का स्पर्श 3.45 में मध्य काल 5.30बजे एवं मोक्ष 7.15 में होगा।
कन्या के जातकों के लिए अनिष्ट
हस्त नक्षत्र और कन्या राशि में ग्रहण होने के कारण इसका प्रभाव इस नक्षत्र और कन्या राशि के जातकों के लिए अनिष्ठ कारक है। साथ ही वृष, मिथुन, सिंह, तुला, मकर, कुंभ, मीन को मध्यम मेष,कर्क, वृश्चिक, धनु शुभदायी होगी। यह ग्रहण व्यापार के द्योतक बुध की राशि कन्या में होगा, इसलिए व्यापार जगत में उथल-पुथल की स्थितियां निर्मित होगी।